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काश यदि तुम न जाते तो
कुछ दिन साथ बिता जाते
अपने जीवन के अनुभव से
मुझको कुछ सिखला जाते
अंगुली पकड के पैयां चलना
तुमने ही सिखलाया था
मम्मा-पापा बुआ बोलना
तुमने ही सिखलाया था
कमी तुम्हारी बहुत खल रही
आखें रोज भिगा जाते
काश यदि.................
कठिनाई में जीवन जीना
तुमने ही सिखलाया था
व्यवहार कुशलता औ प्रेम का
तुमने पाठ पढाया था
तुम मेरा आदर्श रहे हो
कुछ दिन साथ निभा जाते
काश यदि.................
अपनी पीडा को न कहना
बस यही तुम्हारी आदत थी
तुम्हारी इस आदत से सबको
कितनी घोर शिकायत थी
बिन बोले चुपचाप गए तुम
कुछ तो हाल सुना जाते
काश यदि.................
अक्सर सूनी रातों में
आवाज तुम्हारी आती है
यादों की पुरवाई चलती
मुझको बहुत रुलाती है
बस एक बार मेरी खातिर
मेरे ख्वाबों में आ जाते
काश यदि.................
ऋषि राज शंकर"मुफलिस"
१६ जून २०१६ सायं ७;१०
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काश यदि तुम न जाते तो
कुछ दिन साथ बिता जाते
अपने जीवन के अनुभव से
मुझको कुछ सिखला जाते
अंगुली पकड के पैयां चलना
तुमने ही सिखलाया था
मम्मा-पापा बुआ बोलना
तुमने ही सिखलाया था
कमी तुम्हारी बहुत खल रही
आखें रोज भिगा जाते
काश यदि.................
कठिनाई में जीवन जीना
तुमने ही सिखलाया था
व्यवहार कुशलता औ प्रेम का
तुमने पाठ पढाया था
तुम मेरा आदर्श रहे हो
कुछ दिन साथ निभा जाते
काश यदि.................
अपनी पीडा को न कहना
बस यही तुम्हारी आदत थी
तुम्हारी इस आदत से सबको
कितनी घोर शिकायत थी
बिन बोले चुपचाप गए तुम
कुछ तो हाल सुना जाते
काश यदि.................
अक्सर सूनी रातों में
आवाज तुम्हारी आती है
यादों की पुरवाई चलती
मुझको बहुत रुलाती है
बस एक बार मेरी खातिर
मेरे ख्वाबों में आ जाते
काश यदि.................
ऋषि राज शंकर"मुफलिस"
१६ जून २०१६ सायं ७;१०
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