दिल की अभिव्यक्ति

दिल की अभिव्यक्ति
दिल की अभिव्यक्ति

Wednesday, August 22, 2018

तेरे आगोश में सर रख़
के रोना चाहता हूँ
बहुत कुछ खो चुका हूँ
अब न खोना चाहता हूँ
बचा है वक्त कितना
है ना ये मालूम मुझको
जितना बाकी बचा है
खुलके जीना चाहता हूँ
दुआ मेरी यही है तुम
हमेशा मुस्कुराओ
तुम्हें यूं देख कर मैं
मुस्कुराना चाहता हूँ
मिसाल जिंदगी बन
जाये मेरी आशिकी में
तुम्हें होठों पे लाके
गुनगुनाना चाहता हूँ
जो'मुफलिस' मौत भीआये
अगर राहे मुहब्बत में
कसम से मौत भी मैं
शायराना चाहता हूँ
ऋषि राज शंकर 'मुफ़लिस'
सांय:5:30 बजे 22/08/2018

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