दिल की अभिव्यक्ति

दिल की अभिव्यक्ति
दिल की अभिव्यक्ति

Thursday, August 30, 2018

दमे वापसी अभी है
बडा़ याद आ रही हो
पर्दे के पीछे छुप,क्यूं
नज़रें चुरा रही हो
मैं ये मानता हूँ मुझसे
कुछ गलतियाँ हुई थी
अब आखिरी समय में
क्यूं इन्हें गिना रही हो
वादा किया था संग संग
जियेंगे और मरेंगे
फिर क्या वजह है अब
क्यूं,दामन छुडा़ रही हो
ये बात और है कि, ना
मिले हम इस जहाँ में
मेरी धड़कनों में बसके
मेरे साथ जा रही हो
'मुफ़लिस' हुआ जो मुमकिन
मिल लेंगे उस जहाँ में
उम्मीद बन के मेरी
मुझको रुला रही हो
ऋषि राज शंकर 'मुफ़लिस'
   प्रात:9:30 बजे 26/08/2018

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