दिल की अभिव्यक्ति

दिल की अभिव्यक्ति
दिल की अभिव्यक्ति

Wednesday, August 22, 2018

अपने किरदार की अज़मत
को बनाये रखिये
बहुत कालिख है दामन
को बचाये रखिये
बदलते चेहरों की बड़ी
भीड़ है साहिब
अपनी पहचान को मुमकिन
सा बनाये रखिये
ये अजब सा दौर है,खुद को 
बचाके चलना है
जु़बां औ लफ्जो़ं की एक
लाईन मिलाके चलिये
वजू़द इंसानियत का खत्म
होता जा रहा है
तकाजे़ वक्त है इसको 
संभाल कर रखिये

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