अपने किरदार की अज़मत
को बनाये रखिये
बहुत कालिख है दामन
को बचाये रखिये
बदलते चेहरों की बड़ी
भीड़ है साहिब
अपनी पहचान को मुमकिन
सा बनाये रखिये
ये अजब सा दौर है,खुद को
बचाके चलना है
जु़बां औ लफ्जो़ं की एक
लाईन मिलाके चलिये
वजू़द इंसानियत का खत्म
होता जा रहा है
तकाजे़ वक्त है इसको
संभाल कर रखिये
को बनाये रखिये
बहुत कालिख है दामन
को बचाये रखिये
बदलते चेहरों की बड़ी
भीड़ है साहिब
अपनी पहचान को मुमकिन
सा बनाये रखिये
ये अजब सा दौर है,खुद को
बचाके चलना है
जु़बां औ लफ्जो़ं की एक
लाईन मिलाके चलिये
वजू़द इंसानियत का खत्म
होता जा रहा है
तकाजे़ वक्त है इसको
संभाल कर रखिये
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