सरक़ती रही जिंदगी रफ्ता रफ्ता
मचलती रही हसरतें रफ्ता रफ्ता
ना जाने किधर ले चली जिंदगी अब
हम भी खा़मोश चलते रहे रफ्ता रफ्ता
मंजिलों का पता अब तलक लापता है
क्यूं भटकता रहा अब तलक रफ्ता रफ्ता
उसको पाने की जद्दोजहद मन में अबतक
हुआ बावरा मन मेरा रफ्ता रफ्ता
ना ख्वाहिश है कोई,ना कोई गिला है
मुझे मेरे मालिक से सबकुछ मिला है
बस इक बार उसका भी दीदार हो जाये
तमन्ना यही पल रही रफ्ता रफ्ता
मचलती रही हसरतें रफ्ता रफ्ता
ना जाने किधर ले चली जिंदगी अब
हम भी खा़मोश चलते रहे रफ्ता रफ्ता
मंजिलों का पता अब तलक लापता है
क्यूं भटकता रहा अब तलक रफ्ता रफ्ता
उसको पाने की जद्दोजहद मन में अबतक
हुआ बावरा मन मेरा रफ्ता रफ्ता
ना ख्वाहिश है कोई,ना कोई गिला है
मुझे मेरे मालिक से सबकुछ मिला है
बस इक बार उसका भी दीदार हो जाये
तमन्ना यही पल रही रफ्ता रफ्ता
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