दिल की अभिव्यक्ति

दिल की अभिव्यक्ति
दिल की अभिव्यक्ति

Wednesday, August 22, 2018

लामबंद हो रहे लुटेरे
इक 'चौकीदार' भगाने को
देश को रबडी़ जैसा खाने
की आस जगाने को
माँ के पप्पू को सपने में
रोज़ दिखाई कुर्सी दे
भारत की सेवा को तत्पर 
ये भारत को ,खाने को
बबुआ-बुआ गले मिल बैठे
शिक़वे गिले मिटाने को
साम दाम औ दंड भेद से
सत्ता पाना परम लक्ष्य है
ये लंपट आतुर हो गए हैं
एक मंच पर आने को
छप्पन इंची सीने से डर
ये सबके सब बौराये हैं
नोटबंदी ने लूटा इनको
बरसों की जमा गंवाये है
देशवासियों अब तो जागो
इनको इनकी जगह दिखाओ
ये भारत के लायक नही है
इनको पाकिस्तान भगाओ

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