*#जीवन एक युद्ध क्षेत्र*#
ये सच है,जीवन युद्ध क्षेत्र
हर पल इसमें लड़ना होगा
आनंद कभी,कभी पीडा़ हो
सहना होगा,जीना होगा
दीपक की तरह है, हर जीवन
कभी बुझती लौ कभी बढ़ती लौ
अनगिनत बवंडर छा जायें
तूफानों मे जलना होगा
यह कर्म क्षेत्र,यह धर्म क्षेत्र
भागो तो भाग न पाओगे
इसमें लड़कर संघर्ष करो
अर्जुन की तरह रहना होगा
ये ऐसा एक समंदर है
इसकी लहरें ऊंची नीची
हर ज्वार भाट सहते सहते
पतवार तुम्हें खेना होगा
काम,क्रोध,मद,लोभ,मोह
ये पांच द्वार का च्रकव्यूह
तोडो़ इन सारे द्वारों को
फिर मोक्ष मार्ग चलना होगा
हम शून्य साथ में लाये थे
और शून्य साथ ले जायेंगे
जीवन का अन्त है एक शून्य
इसमें विलीन होना होगा
ऋषि राज शंकर 'मुफ़लिस'
प्रात:7:30 बजे 24/05/2018
ये सच है,जीवन युद्ध क्षेत्र
हर पल इसमें लड़ना होगा
आनंद कभी,कभी पीडा़ हो
सहना होगा,जीना होगा
दीपक की तरह है, हर जीवन
कभी बुझती लौ कभी बढ़ती लौ
अनगिनत बवंडर छा जायें
तूफानों मे जलना होगा
यह कर्म क्षेत्र,यह धर्म क्षेत्र
भागो तो भाग न पाओगे
इसमें लड़कर संघर्ष करो
अर्जुन की तरह रहना होगा
ये ऐसा एक समंदर है
इसकी लहरें ऊंची नीची
हर ज्वार भाट सहते सहते
पतवार तुम्हें खेना होगा
काम,क्रोध,मद,लोभ,मोह
ये पांच द्वार का च्रकव्यूह
तोडो़ इन सारे द्वारों को
फिर मोक्ष मार्ग चलना होगा
हम शून्य साथ में लाये थे
और शून्य साथ ले जायेंगे
जीवन का अन्त है एक शून्य
इसमें विलीन होना होगा
ऋषि राज शंकर 'मुफ़लिस'
प्रात:7:30 बजे 24/05/2018
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