दिल की अभिव्यक्ति

दिल की अभिव्यक्ति
दिल की अभिव्यक्ति

Tuesday, May 12, 2020

भारत रुका ,कभी ना हारा
 बढ़ते रहना लक्ष्य हमारा
हमको बढ़ना होगा,आगे चलना होगा
  अवसर कभी भी ठहरता नहीं है
   भारत कभी थक के रुकता नहीं है
 हम ना रुकें ना, रुकेंगे कभी भी
 थकते नहीं ना थकेंगे कभी भी
हमको चलना होगा,आगे बढ़ना होगा
   बिपदा से लड़ने का ढ़ंग है निराला
   बिपदा को हमने भी अवसर में ढाला
 कोरोना हारेगा जीतेगा भारत
 मिलके सभी संग,कहेगा ये भारत
हमको चलना होगा,आगे बढ़ना होगा
   ऋषिराज 'अभिव्यक्ति'
13मई 2020 प्रातः 8बजे
एक पहेली पूछ रहा हूं
  जिसका हल कोई बतलाओ
मूर्ख राज अब कौन हुआ है
  शीघ्र सभी को बतलाओ
खुद ही कहे, और खुद समझे
   और समझ किसी को ना आए
दिनभर ज्ञान बांटता फिर भी
    मूर्ख राज ही कहलाये
सही सही बतलाओगे तो
    एक चाॅकलेट पाओगे
अगर ग़लत जो बतलाया
   तो फिर 'पप्पू' कहलाओगे


 'सिस्टर' सब कहते हैं इनको
  बहन से बढ़ कर प्यार करें
  ठीक समय पर दवा खिलायें
  हर  पेशेंट का ध्यान  रखें
       दवाई कौन सी कब देनी है
       बहुत  जटिल ही काम करें
       रोगी जब भी मुश्किल में हो
       नहीं तनिक विश्राम करें
  ये सेवा त्याग समर्पण ही
 अपने जीवन का लक्ष्य रखें
  ऐसी करुणा प्रतिमूर्ति को
  आज सुधी जन नमन करें
     ऋषिराज"अभिव्यक्ति"
     12 मई 2020 प्रात:9 बजे

जीवन में समस्याएं तो,
हर रोज नई खड़ी है,
अक्सर जीतते हैं वो लोग,
जिनकी सोच बड़ी है।
जो घुटने टेक देतें हैं,
वही बस टूट जाते हैं
अगरचे सोच ऊंची हो,
वही जंग जीत जाते हैं
जो मोती ढूंढते हैं वो,
समंदर से नहीं डरते
किनारे जो खड़े रहते,
वही बस डूब जाते हैं
केवल हथियारों से युद्ध
कभी जीती नहीं जाता
अगर जो हौसला ना हो
लड़ाई हार जाते हैं
ऋणी रहेगा ये जीवन
जिसको जीवन का दान दिया
गर्भ लहू से सींच सींच कर
प्राणों का संचार दिया
सृष्टि रचयिता हो जननी
नतमस्तक तुमपे होता हूं
मैं सदा तुम्हारा बालक हूं
हर क्षण मां मां कहता हूं
अनगिनत भूल हुई मुझसे
पर सदा तुम्हीं ने माफ़ किया
अंतर्मन के अंधियारे को
तूने ममता से साफ किया
गर देव मनुज बन के आये
कौशल्या बन आधार दिया
श्री राम तेरी गोदी खेले
वात्सल्य लुटा के लाड़ किया
मैं मातृ दिवस पर शीश झुका
तेरा अभिनंदन करता हूं
सारे जग की माताओं की
मैं चरण वंदना करता हूं
     ऋषिराज 'अभिव्यक्ति'
10मई 2020 प्रातः 8बजे