कोई गिला नहीं है,ना कोई है रंजोगम़
बस तेरी बेरुखी से, आँखें हैं थोड़ी नम
अपनी जगह पे तुम भीसही,मैं भी सही था
फिर किस वजह से अपने,रिश्तों ने तोडा़ दम
ऋषि राज शंकर 'मुफ़लिस'
दोपहर:2:30 बजे 14/3/2019
मेरा सुकून तुमने गवारा नहीं किया
फिर भी हमने तुमसे किनारा नहीं किया
मैं जानता हूँ तुमने मेरा घर जला दिया
चुप रह गया पर तुम पे इशारा नहीं किया
सब सह गया हूँ,तुमसे मोहब्बत के वास्ते
ऐसा जुनूने इश्क भी दोबारा नहीं किया
ऋषि राज शंकर 'मुफ़लिस'
दोपहर:2:30 बजे 14/3/2019
बस तेरी बेरुखी से, आँखें हैं थोड़ी नम
अपनी जगह पे तुम भीसही,मैं भी सही था
फिर किस वजह से अपने,रिश्तों ने तोडा़ दम
ऋषि राज शंकर 'मुफ़लिस'
दोपहर:2:30 बजे 14/3/2019
मेरा सुकून तुमने गवारा नहीं किया
फिर भी हमने तुमसे किनारा नहीं किया
मैं जानता हूँ तुमने मेरा घर जला दिया
चुप रह गया पर तुम पे इशारा नहीं किया
सब सह गया हूँ,तुमसे मोहब्बत के वास्ते
ऐसा जुनूने इश्क भी दोबारा नहीं किया
ऋषि राज शंकर 'मुफ़लिस'
दोपहर:2:30 बजे 14/3/2019