दिल की अभिव्यक्ति

दिल की अभिव्यक्ति
दिल की अभिव्यक्ति

Saturday, July 4, 2020

कोरोना से अब तो,खतरे बहुत,कुछ तो डरो मेरे प्यारे*
*जीवन के रंग,बदलेंगे अब,समझो ज़रा मेरे प्यारे*

*आयेगा ना फिर कभी भी वो खूबसूरत ज़माना*
*मिलना ना होगा गले से,होगा ना हाथ मिलाना*
*इन बंदिशों से हो रुबरु,समझो इन्हें मेरे प्यारे*
*जीवन के रंग,बदलेंगे अब,समझो ज़रा मेरे प्यारे*

*धोना है हाथों को हर दम,चलना है दूरी बना के*
*ये बंदिशें दर्द सी है , रहना है खुद को बचा के*
*ढकना है चेहरा सुरक्षित बहुत,समझो इसे मेरे प्यारे*
*जीवन के रंग,बदलेंगे अब,समझो ज़रा मेरे प्यारे*

 *ऋषि राज शंकर 'अभिव्यक्ति'*
लोकल बन जायेंगे,हंस कर ये बोल
आगे बढ़ जायेंगे,एक कदम तो खोल*
*तो जीतेंगे ये बाज़ी ,वक्त यही अनमोल*
*आगे बढ़ना होगा हर कीमत पे बोल*
     *लोकल बन जायेंगे-----*
*ला ला-----*
*राहत पैकेज मोदी जी ने दिलवाया है*
*उम्मीदों की किरणें ले सूरज आया है*
 *अब संयम ना टूटे,और हिम्मत भी ना छूटे*
*स्वालंबन बस एक लक्ष्य है, साथ नहीं छूटे*
 *तरमपम जीतेंगे हर बाज़ी, संग मेरे तू बोल*
*आन तिरंगे की रखें,विश्वास यही अनमोल*
 *लोकल बन जायेंगे-----*
*देश में निर्मित उत्पादों से, हाथ मिलायें*
*स्वालंबन की सही दिशा में कदम बढ़ायें*
   *ना बंधन,ना मजबूरी,सही कदम है मंजूरी*
   *लक्ष्य हमारा सीधा सा तो काहे को घबराये*
*तरमपम निश्चित हम जीतेंगे,ये वचन मेरे अनमोल*
*सकल विश्व में गूंज उठेंगे, जय भारत के बोल*
   *लोकल बन जायेंगे-----*
  *ऋषि राज शंकर 'अभिव्यक्ति'*
     *प्रात: 11बजे 15/05/2020*
इक शेर बच्चा हमने भी देखा है यूपी में
राष्ट्र भक्त मन का सच्चा देखा है यूपी में
कर्मठ हैं वो साफ़ हदय,
और खरी खरी ही कहते हैं
अपराधी की रुह कांपती
अपराधों से डरते हैं
भयमुक्त प्रशासन अब देखा है यूपी में
ऐसा निर्भय सुशासन अब,देखा है यूपी में
निर्णय लेने में योगी जी
तनिक देर ना करते हैं
हिंदू हैं तो हिंदु कहने में
बिल्कुल ना डरते हैं
इक हिंदु सम्राट हदय,देखा है यूपी में
निजी हितों से ऊपर उठ के
बात साफ़ सी करते हैं
तुष्टिकरण ना करें किसी का
अंकुश सब पर रखते हैं
निश्छल प्यारा सा सीएमअब,देखा है यूपी में
योगी योगी सबके मन में,अब,देखा है यूपी में
लहू बहाने को सरहद पर
जाने को तैयार हैं
जान लुटा दें भारत मां पर
दिल से हम तैयार हैं
 हम भी पहरेदार हैं, हां हम भी पहरेदार हैं
1)कोटि नमन है मातृभूमि को
जिसकी रोटी खाते हैं
वक्त पड़े तो शीश कटा दें
बिल्कुल नहीं लजाते हैं
चुन चुन कर मारें उनको जो
छिपे हुए गददार हैं
हम भी पहरेदार हैं, हां हम भी पहरेदार हैं
2)कफ़न तिरंगे का बन जाये
हर सैनिक मतवाला है
देश का मस्तक ना झुकने दें
ऐसा व्रत ले डाला है
भगवा चुनरी ओढ़ के तन पे
लड़ने को तैयार हैं
हम भी पहरेदार हैं, हां हम भी पहरेदार हैं
दुश्मन सेना हट पीछे अब
ख़ून मेरा ललकार रहा
धोखा देकर पीठ के पीछे
निर्दोषों को मार रहा
कसम उठा ली महादेव की तलवारों में धार है
हम भी पहरेदार हैं, हां हम भी पहरेदार हैं
 ऋषिराज शंकर 'अभिव्यक्ति'
मैं क्या कह रहा हूं और क्या पूछता हूं
ना मुझे खुद पता है,ना तुम्हें कुछ पता है
मुझे ये पता है कि टि्वट खूब लिखूं
भले कुछ भी मैटर ना मुझको पता है
मैं अर्जुन से बढ़कर,हुआ लक्ष्य धारी
मुझे आंख मछली की दिखना पता है
मुझे देश सेना से मतलब नहीं है
मुझे कोसना है बस इतना पता है

ज्वाला ही ज्वाला,
धधके ज्वाला ही ज्वाला
दिल में अब तो धधक रही
बस ज्वाला ज्वाला
1इस ज्वाला को दिल में रखके
भगत सिंह बलिदान हुए
वीर शिवाजी और सुभाष चन्द्र
सब भारत की शान हुए
इस ज्वाला में चीन भस्म हो
धधक रही ज्वाला
       ज्वाला ही ज्वाला,
        धधके ज्वाला ही ज्वाला
2मातृभूमि से बढ़कर हमको
और नहीं कुछ प्यारा है
शीश कटा दें,लहू बहा दें
सब कुछ इस पर वारा है
देशभक्ति की भठ्ठी में अब
धधक रही ज्वाला
           ज्वाला ही ज्वाला,
            धधके ज्वाला ही ज्वाला
3पूरब से पश्चिम तक अब तो
धधक रही ज्वाला
चीन की काली करतूतों से
भड़क रही ज्वाला
सारी दुनिया एक हो रही
धधक रही ज्वाला
           ज्वाला ही ज्वाला,
            धधके ज्वाला ही ज्वाला
रणभूमि आवाहन करती
रणचंडी तैयार खड़ी
इस ज्वाला में तप कर अपनी
सेना भी तैयार खड़ी
आर पार हो जाये अब तो
धधक रही ज्वाला
           ज्वाला ही ज्वाला,
            धधके ज्वाला ही ज्वाला
ऋषिराज 'अभिव्यक्ति'
03/07/2020
सायं 7 बजे

हीरा मां का ऋणी रहेगा
सारा हिंदुस्तान अब
ऐसा लाल हीरा जना देवी ने,
जिस पर है अभिमान अब
माता तेरा लाल अनोखा
देशभक्त मतवाला है
दुश्मन चाहे कैसा भी
कभी ना झुकने वाला है
इतिहास नया रचने वाला है
ये भारत की शान अब
         ऐसा लाल जना देवी ने,
          जिस पर है अभिमान अब
जिसकी रग रग में भारत
जो निजी हितों से दूर रहे
ऐसा सेवक दिया हमें तो
हम फिर क्यूं मजबूर रहे
कोटि कोटि मां वंदन तेरा
शत शत तुम्हें प्रणाम अब
           ऐसा लाल जना देवी ने,
          जिस पर है अभिमान अब

अभिनंदन करता हूं दिल से
प्राण बचाने वालों का
निजी हितों से ऊपर उठके
जीवन देने वालों का
युद्ध कर रहे कोरोना से
प्राणों के रखवालों का
नमन चिकित्सक है तुमको
अब मुझ जैसे मतवालों का

सोते रहे गये सारे गीदड़
सोते रहे गया पाक
जिनपिंग घोड़े बेच के सोये
"शेर🐅" घूमे लद्दाख


बढ़े चलो, बढ़े चलो
हिंद के शेरों बढ़े  चलो

भारत के मस्तक पर दुश्मन
बुरी नज़र को डाल रहा
कर्ज़ दूध का तुम्हें चुकाना
दुश्मन अब ललकार रहा
उदघोष करो जयभारत का
और सीना ताने बढ़े  चलो
      बढ़े चलो, बढ़े चलो
       हिंद के शेरों बढ़े  चलो
शांति प्रिय हम रहे सदा
पर ये ना अब मजबूरी है
कुचल के रख दो दुश्मन को
अब भारत की मंजूरी है
कफ़न बांध लो मस्तक
पर अब मां कहती है
    बढ़े चलो, बढ़े चलो
    हिंद के शेरों बढ़े  चलो
भारत माता के लालों को
अपना फ़र्ज़ निभाना है
वक्त पड़े तो मर मिटना है
दुश्मन दूर भगाना है
एक के बदले दस मारेंगे
कसम उठाके बढ़े चलो
        बढ़े चलो, बढ़े चलो
         हिंद के शेरों बढ़े चलो
ऐ जिनपिंग तू सुन ले ध्यान से
चीन का होगा बंटाधार
पहली बार कोई ताल ठोंक के
चौकीदार रहा ललकार
सब्र की सीमा टूट रही
हुंकारे भरते बढ़े चलो
     बढ़े चलो बढ़े चलो
     हिंद के शेरों बढ़े चलो
ऋषिराज 'अभिव्यक्ति'
24/06/2020
कितनी बार जीतोगे दिल में हमारा
पीएम कोई दूजा नहीं,तुमसा लगा प्यारा
मुश्किलों पे हो विजय,ये लक्ष्य तुम्हारा
ग़रीब की लाठी बने दुखियों का सहारा
1मुश्किल कितनी बड़ी हो चाहे
तनिक नहीं घबराते हो
निर्णय चाहे बड़ा हो कितना
झटपट राह दिखाते हो
जीवन हो सादगी से ये तुमको लगे प्यारा
पीएम कोई दूजा नहीं,तुमसा लगा प्यारा
2रुके नहीं हो ज़रा देर भी
चलना अच्छा लगता है
तुमसे ही पूरा होता जो
लक्ष्य अधूरा लगता है
विश्राम से करते रहे हर वक्त किनारा
पीएम कोई दूजा नहीं,तुमसा लगा प्यारा
3कितने दुश्मन हुए तेरे पर
 बिल्कुल ना घबराते हो
 हर कटाक्ष हर व्यंग बाण को
 मौन रहे सह जाते हो
 आलोचना से लड़ने का अंदाज़ तुम्हारा
 पीएम कोई दूजा नहीं,तुमसा लगा प्यारा
4सीमा पर ये चीन पड़ोसी
   आज हमें ललकार रहा
   बातचीत की आड़ लगा
   सैनिक धोखे से मार रहा
  मुंहतोड़ इसको अबकी दो जवाब करारा
  पीएम कोई दूजा नहीं,तुमसा लगा प्यारा

ऋषिराज 'अभिव्यक्ति'
16/06/2020
1आज हिमालय के मस्तक पर
चीन हमें ललकार रहा
दुनिया भर में मौत बांट कर
बेशर्मी से नाच रहा
     वंदेमातरम्  वंदेमातरम्
2भारत में कुछ चीन समर्थक
छिपे हुए गद्दारों को
सेना तुमको कसम देश की
गोली मारो सारों को
ये जयचंद हैं शर्म बेच कर
बिल्कुल नहीं लजाते हैं
गुणगान चाईना के गाकर
रोटी भारत की खाते हैं
       वंदेमातरम्  वंदेमातरम्
3याद रखो ये बासठ नहीं
ये नई सदी का भारत है
राष्ट्रभक्त अब सत्ता में हैं
मोदी जी का भारत है
एक इंच आगे बढ़ने की
हरगिज़ गलती मत करना
अंज़ाम नहीं अच्छा होगा
छोटी सी बात समझ लेना
        वंदेमातरम्  वंदेमातरम्
4शांति के हम रहे पुजारी
अपना है इतिहास यही
किंतु अगर कोई छेड़े तो
देतें तुरंत जवाब सही
युद्ध अगर थोपा हम पर
हम ईंट से ईंट बजा देंगे
जयकार भवानी की करके
हम पूरा चीन हिला देंगे
         वंदेमातरम्  वंदेमातरम्
5मातृभूमि की कसम हमें
इतिहास नया लिखवा देंगे
ग्लावन घाटी से तेरी
हम पूरी फौज भगा देंगे
तेरा चीनी सामान सभी
हम कूड़े में फिंकवा देंगे
और तेरी इकोनामी की
हम ऐसी बैंड बजा देंगे
        वंदेमातरम्  वंदेमातरम्
6युद्ध क्षेत्र में भी तुमको
तेरी औकात बता देंगे
गद्दारों को नस्ल सहित
हम सीमा पर दफ़ना देंगे
छीना था हमसे तुमने वो
वापस भी करना होगा
सौ बार सोच लो पहले तुम
अंज़ाम बुरा सहना होगा
         वंदेमातरम्  वंदेमातरम्
7फिर भी युद्ध अगर चाहो
तो हमको भी इंकार नहीं
ये नई सदी का भारत है
जो किसी तरह लाचार नहीं
भारत मां का मस्तक हमको
जान से ज्यादा प्यारा है
तीन रंग से मिलकर बनता
ऐसा कफ़न हमारा है
        वंदेमातरम्  वंदेमातरम्

ऋषिराज 'अभिव्यक्ति'
16/06/2020