दिल की अभिव्यक्ति

दिल की अभिव्यक्ति
दिल की अभिव्यक्ति

Saturday, July 4, 2020

बढ़े चलो, बढ़े चलो
हिंद के शेरों बढ़े  चलो

भारत के मस्तक पर दुश्मन
बुरी नज़र को डाल रहा
कर्ज़ दूध का तुम्हें चुकाना
दुश्मन अब ललकार रहा
उदघोष करो जयभारत का
और सीना ताने बढ़े  चलो
      बढ़े चलो, बढ़े चलो
       हिंद के शेरों बढ़े  चलो
शांति प्रिय हम रहे सदा
पर ये ना अब मजबूरी है
कुचल के रख दो दुश्मन को
अब भारत की मंजूरी है
कफ़न बांध लो मस्तक
पर अब मां कहती है
    बढ़े चलो, बढ़े चलो
    हिंद के शेरों बढ़े  चलो
भारत माता के लालों को
अपना फ़र्ज़ निभाना है
वक्त पड़े तो मर मिटना है
दुश्मन दूर भगाना है
एक के बदले दस मारेंगे
कसम उठाके बढ़े चलो
        बढ़े चलो, बढ़े चलो
         हिंद के शेरों बढ़े चलो
ऐ जिनपिंग तू सुन ले ध्यान से
चीन का होगा बंटाधार
पहली बार कोई ताल ठोंक के
चौकीदार रहा ललकार
सब्र की सीमा टूट रही
हुंकारे भरते बढ़े चलो
     बढ़े चलो बढ़े चलो
     हिंद के शेरों बढ़े चलो
ऋषिराज 'अभिव्यक्ति'
24/06/2020

No comments:

Post a Comment