दिल की अभिव्यक्ति

दिल की अभिव्यक्ति
दिल की अभिव्यक्ति

Friday, August 5, 2016

मैं रोज़ कुरेदता हूं अपने
दिल के घाव को
लज्जत बहुत मिली है
इसके दर्द में हमें
जितना बढ़ा है दर्द
उतने शेर लिख दिये
देखो तुम्हारे इश्क़ ने
कितने सितम किये 
💚💚💚💚💚💚
सारी ख़लिश को दिल
से अब मिटा ही डालिये
दो पल को ए हुज़ूर अब
मुस्करा भी डालिये
कितनी क़शिश है आप में
चेहरे पर नूर है
मुझको बता भी दीजिये
क्या मेरा क़सूर है
💕💕💘💕💕💘💕

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