दिल की अभिव्यक्ति

दिल की अभिव्यक्ति
दिल की अभिव्यक्ति

Friday, July 25, 2014

सुख दुख की परिभाषा
अब तक कोई न दे पाया
जिसने जैसा समझा इनको
वैसा ही लिख पाया
मैंने भी थोड़ी सी कोशिश
की है लिख पाने की
सुख दुख मन का फेर है
प्यारे इसको समझाने की
सुख में कभी न तुम इतराना
दुख में न घबराना
ये तो केवल धूप-छांव है
रहता आना जाना
दुख में भी गर सुख ढूंढ़ोगे
मस्त रहोगे भाई
मस्त रहोगे तब जीवन में
स्वस्थ रहोगे भाई
अपनी तो मोटी बुद्धि में
इतना समझ ही आया
ये अपने संगी साथी है
इनको गले लगाया
       ऋषि राज शंकर 'मुफलिस'
       २२ जुलाई २०१४, रातः१०बजे

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