दिल की अभिव्यक्ति

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Thursday, September 28, 2023

अर्जुन खड़ा अकेला है

 फिर महासमर की बेला है

और अर्जुन खड़ा अकेला है

उठो,जागो प्रतिकार करो

दुश्मन पर वज्र प्रहार करो

       अब मां पर संकट आया है

       फिर दूध की लाज निभाना है 

       अब अरि की छाती रौंदो तुम

       अर्जुन का साथ निभाना तुम

       तुम महाराणा का मान धरो

       उठो,जागो प्रतिकार करो

हर रावण का वध करना है

हर सीता तुम्हें बचानी है

ना इसमें तनिक हिचकना है

हर लंका तुम्हें जलानी है

हर लक्ष्मणरेखा पार करो

उठो,जागो प्रतिकार करो

         जब धर्म पे संकट आया है

         तुम मूर्ख हिंदुओं सोते हो

         फिर बाबर तुमको रौंद रहा

         तुम कायर बन के रोते हो

         पौरुष पर कुछ अभिमान करो

         उठो,जागो प्रतिकार करो

फन कुचलो उन जयचंदो का

जो अरि से हाथ मिलाते हैं

वो आंख फोड़ के रख दो तुम 

जो मां पर आंख उठाते हैं

जननी का कुछ सम्मान करो

उठो,जागो प्रतिकार करो

  जो बहन के आंचल पर उठे

        वो हाथ तोड़कर रख दो तुम

        जो देश बेच कर खाते हैं

         वो पेट फाड़कर रख दो तुम

         शास्त्र बहुत से पढ़ डाले

         अब शस्त्रों का संधान करो

          उठो,जागो प्रतिकार करो

तुम उसी भरत के वंशज हो

जो सिहों से खेला था, 

जब चक्रव्यूह था रचा गया

अभिमन्यु खड़ा अकेला था

अब शपथ तुम्हें तेरी जननी की

तुम मत घबराओ वार करो

उठो,जागो प्रतिकार करो

            अब भविष्य सनातन का आगे

            तुम पर ही सब निर्भर होगा

            इस धर्मयुद्ध को साथ लड़ो

            निश्चित ही कल सुंदर होगा

            फिर वेद ऋचाएं गूंज उठे

            तुम राम बनो संहार करो

            उठो,जागो प्रतिकार करो


ऋषिराज अभिव्यक्ति ❤️

02/09/2022

           

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