हम भी होंठों पे अपने
तुमको गुनगुना लेंगे
ग़ज़ल बनके मेरी दुनिया में
कभी आओ तो सही
हम भी जी लेंगे इन ख्वाबों
की हंसी दुनिया में
ख्वाब बन के ही मेरी आंखों में
कभी आओ तो सही
जाम अश्क से भरे हंस के
हम पी जाएंगे
दीवानी बनके मेरी महफ़िल में
कभी आओ तो सही
रंजोगम भूलकर दुनिया नई
बसा लेंगे
अभिव्यक्ति बनके मेरे ज़ेहन में
कभी आओ तो सही
ऋषिराज "अभिव्यक्ति" ❤️❣️
21/03/2022
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