दिल की अभिव्यक्ति

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दिल की अभिव्यक्ति

Thursday, September 28, 2023

पनाहों में तेरी दुआ चाहता हूं

 *सीता का राम से जैसा था प्रेम*

*राधा का कृष्णा से जैसा था प्रेम*

*मीरा का कान्हा से जैसा था प्रेम*

*भूखा हूं भोजन में प्रेम चाहता हूं*

*वैसा ही प्रेम तुमसे,सनम चाहता हूं

*ना और कोई चाहत,ना उम्मीद बाकी*

*पिला दो जहर,जितना है जाम बाकी*

*छिपा लो कहीं अपने आगोश में तुम*

*बस इतना सा इक आसरा चाहता हूं*

*सभी मेरे अपनों ने मुंह ऐसा मोड़ा*

*भरोसा किया भी तो दिल ऐसा तोड़ा*

*जो चाहो तो फिर ज़िंदगी दे दो मुझको*

*मैं पनाहों में तेरी दुआ चाहता हूं*


 *ऋषिराज "अभिव्यक्ति"*❤️

23/11/2022 1:00 pm

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