*सीता का राम से जैसा था प्रेम*
*राधा का कृष्णा से जैसा था प्रेम*
*मीरा का कान्हा से जैसा था प्रेम*
*भूखा हूं भोजन में प्रेम चाहता हूं*
*वैसा ही प्रेम तुमसे,सनम चाहता हूं
*ना और कोई चाहत,ना उम्मीद बाकी*
*पिला दो जहर,जितना है जाम बाकी*
*छिपा लो कहीं अपने आगोश में तुम*
*बस इतना सा इक आसरा चाहता हूं*
*सभी मेरे अपनों ने मुंह ऐसा मोड़ा*
*भरोसा किया भी तो दिल ऐसा तोड़ा*
*जो चाहो तो फिर ज़िंदगी दे दो मुझको*
*मैं पनाहों में तेरी दुआ चाहता हूं*
*ऋषिराज "अभिव्यक्ति"*❤️
23/11/2022 1:00 pm
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