दिल की अभिव्यक्ति

दिल की अभिव्यक्ति
दिल की अभिव्यक्ति

Thursday, September 28, 2023

रेत जैसे मुट्ठियों से फिसलता रहा

 रेत जैसे मुट्ठियों से फिसलता रहा

वक्त अपना सफर खत्म करता रहा

हम उम्मीदों के साए में बैठे रहे

सपनों का कारवां भी बिखरता रहा

शिकवा भी हम करें,तो किससे करें

मेरा मुंसिफ ही मेरा कत्ल करता रहा

कोई पढ़ेगा ज़रुर,बस इसी आस में

रातभर 'अभिव्यक्ति' यूं ही लिखता रहा


ऋषिराज "अभिव्यक्ति" ❤️❣️


13/03/2022

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