*ना जाने कब हम बड़े हो गए*
*बचपन से अपने जुदा हो गए*
*मासूम यादों का लेकर सहारा*
*बहुत याद आता है बचपन हमारा*
*छुट्टी में घर पर उपद्रव मचाना*
*भाई संग मिलके बहन को सताना*
*वो छुपम छुपाई का खेल हमारा*
*बहुत याद आता है बचपन हमारा*
*ना होमवर्क करना,ना टीचर से डरना*
*वो अल्हड़पन,वो क्लास बंक करना
*खो गया मस्ती का वो दौर हमारा*
*बहुत याद आता है बचपन हमारा*
*ना चिंता थी कोई,ना खोने का ग़म*
*बस हर दम शरारत में डूबे थे हम*
*थप्पड़ था पापा का,और गाल हमारा*
*बहुत याद आता है बचपन हमारा*
*रफ्ता रफ्ता समय भी गुज़रता गया*
*बचपन भी हमसे फिसलता गया*
*उम्र के फासले भी बड़े हो गए*
*बचपन से अपने जुदा हो गए*
*मासूम यादों का लेकर सहारा*
*बहुत याद आता है बचपन हमारा*
*ऋषिराज "अभिव्यक्ति"*❤️
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