पथराई आंखें,ना कोई हसरत
अभी ये तड़पन नई नई है
अजब सी उलझन,है खुद से चिढ़ भी
अभी ये ब्रेक अप नई नई है
1
अभी रुलाएंगी यादें तुमको
कहीं ना तुमको सुकूं मिलेगा
जिगऱ में उठेंगी टीसें अक्सर
ये बेवफ़ाई नई नई है
2
वफ़ा के नगमें हैं झूठ सारे
इसी का तुमको यकीन होगा
हमेशा छलकेंगी तेरी आंखें
ये दिल में सिसकन नई नई है
3
वफ़ा का ऐसा सिला मिलेगा
ये ख्वाब में भी नहीं था सोचा
जी कर रहा जी भरके रोएं
ये फांस दिल में नई नई है
4
ज़रा मोहब्बत मिली थी तुमको
लगे थे तुम भी हवा में उड़ने
अभी हकीकत से वास्ता है
अभी ये ठोकर नई नई है
ऋषिराज "अभिव्यक्ति"* ❤️
3/02/2023
9am
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