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है हौसला कि मौत भी
हारेगी एक दिन
रुख़सती का वक्त भी
पूछेगी एक दिन
जायेंगे इस जहाँ से हम
कुछ मुस्करा के ऐसे
जाता हो शहंशाह कोई
दौलत लुटा के जैसे
मेरी शख़्सियत को तुम
भी न भूल पाओगे
रोओगे मेरी कब्र पे
खु़द को भुला के जैसे
है हौसला कि मौत भी
हारेगी एक दिन
रुख़सती का वक्त भी
पूछेगी एक दिन
जायेंगे इस जहाँ से हम
कुछ मुस्करा के ऐसे
जाता हो शहंशाह कोई
दौलत लुटा के जैसे
मेरी शख़्सियत को तुम
भी न भूल पाओगे
रोओगे मेरी कब्र पे
खु़द को भुला के जैसे
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