तुमसे बिछुड़ के मैं ना
कभी चैन पा सका
मंदिर बहुत थे,मैं ही
दिया ना जला सका
सब पूछते थे मेरी
उदासी का सबब जब
लब पे तुम्हारा नाम था
पर ना बता सका
एक ताज मैं बनवा सकूं
हसरत दफ़न हुई
मुमताज़ की फोटो का
पता पा नहीं सका
मुमकिन नहीं था प्यार
मैं शर्तों पे कर सकूं
बस इस वजह से प्यार
को जता नहीं सका
ऋषि राज शंकर 'मुफ़लिस'
सायं: 6:00 बजे 31/08/2018
कभी चैन पा सका
मंदिर बहुत थे,मैं ही
दिया ना जला सका
सब पूछते थे मेरी
उदासी का सबब जब
लब पे तुम्हारा नाम था
पर ना बता सका
एक ताज मैं बनवा सकूं
हसरत दफ़न हुई
मुमताज़ की फोटो का
पता पा नहीं सका
मुमकिन नहीं था प्यार
मैं शर्तों पे कर सकूं
बस इस वजह से प्यार
को जता नहीं सका
ऋषि राज शंकर 'मुफ़लिस'
सायं: 6:00 बजे 31/08/2018
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