दिल की अभिव्यक्ति

दिल की अभिव्यक्ति
दिल की अभिव्यक्ति

Monday, March 25, 2019

हमारी कब्र पे ना रोज़ रोज़ आया करो
यूं आशिकी का दर्द और ना बढा़या करो
तेरे नाम पे ही खत्म हुई थी ज़िंदगी मेरी
मेरे हाल पे तुम ऐसे ना मुस्कुराया करो
मोहब्बत में तेरी,गज़लें जो मैंने लिखी हैं
है इल्तिजा़ की कभी उनको गुनगुनाया करो
हमारे दिल के कुछ एक ज़ख्म अभी ताजे़ हैं
कसम खुदा की तुम्हें,मत कुरेद जाया करो
ये "मुफलिसी" ही मेरी उम्र भर की दौलत है
सरे बाज़ार यूं सबको नहीं बताया करो
     ऋषि राज शंकर 'मुफ़लिस'
    दोपहर:2:30 बजे 13/3/2019

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