कभी तो साथ में बैठो
कभी तो बात करो
इक मुद्दत सी हो चुकी
है मुलाकात करो
तेरे सवाल ही मेरी
ज़िंदग़ी का हासिल है
चलो मिल कर कुछ
और सवालात करो
चंद लम्हों को निकालो
सुकूने दिल के लिये
मेरी बाहों में पनाह लो
और दिल की बात करो
"मुफ़लिस"
9/09/2016 रात्रि 10 बजे
कभी तो बात करो
इक मुद्दत सी हो चुकी
है मुलाकात करो
तेरे सवाल ही मेरी
ज़िंदग़ी का हासिल है
चलो मिल कर कुछ
और सवालात करो
चंद लम्हों को निकालो
सुकूने दिल के लिये
मेरी बाहों में पनाह लो
और दिल की बात करो
"मुफ़लिस"
9/09/2016 रात्रि 10 बजे
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