दिल की अभिव्यक्ति

दिल की अभिव्यक्ति
दिल की अभिव्यक्ति

Friday, September 9, 2016

गवारा है नहीं हरगिज़
तुम्हारी आँख में आँसू
बदन में आग लग जाती
दिल इनको देख़ लेता है
लगा दूं आग पानी में
जला दूं ये जहाँ सारा
तेरी कस़मों का जमघट
आके मुझको रोक लेता है
अजब़ सी आग सीने में
धधक जाती है पलभर में
तुम्हारी आँख का मोती
भी ठंडक छीन लेता है
ऋषि राज शंकर 'मुफलिस'
  08/09/2016 रात्रि 10 बजे

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