दिल की अभिव्यक्ति

दिल की अभिव्यक्ति
दिल की अभिव्यक्ति

Friday, September 9, 2016

जीवन ऐसे चौराहे पर
आकर खड़ा हुआ
हर रस्ते पर घना अंधेरा
शून्य से भरा हुआ
चारों ओर शून्य दिखता
कोई आशा रही न बाकी़
लुटा पिटा सा निपट अकेला
खुद से ठगा हुआ
है यकींन फ़िर भी मुझको
तुम मुझे संभालोगे
आशाओं का दीप जला
कोई राह निकालोगे

No comments:

Post a Comment