तेरे हाथों में जब मेंहदी
हमारे नाम की रच जाये
तेरी सुंदरता बढ़ जाये
हमारा नाम हो जाये
हमारे नाम की रच जाये
तेरी सुंदरता बढ़ जाये
हमारा नाम हो जाये
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खामोश ज़ुबां,हो दिल में समर्पण
और आँख में आंसू आ जाये
तब जा कर ये बने बन्दगी
और इब़ादत कहलाये
ये तीनों जब मिलें एक संग
तेरा तार ख़ुदा से जुड़ जाये
तब तू उसका हो वो तेरा हो
और इब़ादत कहलाये
ऋषि राज शंकर "मुफ़लिस"
12/09/2016प्रातः5 बजे
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