दिल की अभिव्यक्ति

दिल की अभिव्यक्ति
दिल की अभिव्यक्ति

Friday, September 16, 2016

बेफिक्री में जीवन 
जीना सीख़ लिया 
दुनिया को ठेंगे पे
लेना सीख़ लिया
मक्कारों औ बेइमानों
की भेड़चाल में
सीधे रस्ते बच कर
चलना सीख़ लिया 
हर शख्स मतलब़ी है
तुमसे जो हाथ मिलाता
ऐसे दोहरे चेहरे 
पढ़ना सीख़ लिया 
आस्तीनों में साँप 
यहां पलते देखे हैं
इन साँपों के दांत 
तोड़ना सीख़ लिया 
सभी यहां दौलत के
पीछे पागल है
'मुफ़लिस'ने मुफ़लिसी 
में जीना सीख़ लिया 
ऋषि राज शंकर 'मुफलिस'
15/09/2016 सांय4 बजे

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