दिल की अभिव्यक्ति

दिल की अभिव्यक्ति
दिल की अभिव्यक्ति

Friday, September 9, 2016

अपने किरदार को
बेहद संभाल कर रखिये
ख़ुदा के ख़ौफ़ को
ज़ेहन में डाल कर रखिये
उसकी अदालत में
सबका हिसाब होता है
नकाब कितना भी गुनाहों
पे डाल कर रखिये
किसी ग़रीब की आहों से
बचाना ख़ुद को
वो ऐसी आग है दामन
संभाल कर रखिये
मिटा के ख़ुद को तुम
दुनिया से चले जाओगे
अपने खाते में बस नेकी
को डाल कर रखिये
ऋषि राज शंकर 'मुफलिस'
  01/09/2016 सांय 6 बजे 

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