दिल की अभिव्यक्ति

दिल की अभिव्यक्ति
दिल की अभिव्यक्ति

Friday, September 9, 2016

मौला मेरे, अब दिल को
मेरे  सख्त बना दे
अब आँसू किसी की
आंख में देखे नहीं जाते
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शीशे के घरों के मालिक हो
पत्थर से उलझन मत लेना
मिनटों में घरौंदा चटकेगा
इल्ज़ाम किसी को मत देना
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सुपुर्रदे ख़ाक के वक्त चंद
ग़ज़लें शेर पढ़ना चाहिये
मैं शायर हूँ तो मेरी मौत
भी शायराना होनी चाहिए
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