दिल की अभिव्यक्ति

दिल की अभिव्यक्ति
दिल की अभिव्यक्ति

Wednesday, August 22, 2018

आँसुओं से जो आगाजे़ महफिल हुआ
बाखुदा ,एक समंदर नज़र आ गया
एक तो पहले से ही,दिल के कमजो़र थे
फिर टूट के यूँ बिखरना कहर ढा गया
कोशिशें भूलने की, कई बार की
हर दफा़ तेरा चेहरा नज़र आ गया
बेवफाई की चर्चा चली जब कहीं
अक्स तेरा जे़हन में उतर आ गया
किस कद्र तुमने लूटा,मेरे दिल को यूँ
तेरी हालत पे मुझको तरस आ गया
ऋषि राज शंकर 'मुफ़लिस'
रात्रि:9:30 बजे 21/08/2018

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