तेरा खामोशपन भी अब हमारी जान ले लेगा
सुकूं छीनेगा ये मन का,जिग़र का चैन ले लेगा
तू क्यों नाराज़ है हमसे,ज़रा सा ये बयां करदे
मेरी आखों का हर मोती तुम्हारे घाव धो देगा
ऋषि राज शंकर 'मुफलिस'
५जुलाई २०१४, रातः१०.१५बजे
सुकूं छीनेगा ये मन का,जिग़र का चैन ले लेगा
तू क्यों नाराज़ है हमसे,ज़रा सा ये बयां करदे
मेरी आखों का हर मोती तुम्हारे घाव धो देगा
ऋषि राज शंकर 'मुफलिस'
५जुलाई २०१४, रातः१०.१५बजे
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