दिल की अभिव्यक्ति

दिल की अभिव्यक्ति
दिल की अभिव्यक्ति

Tuesday, July 15, 2014

क्या? फिर से जीवन में कभी मधुमास होगा
मेरे हाथ में तेरे हाथ का अहसास होगा ?
हम तो तन्हा ही खडे हैं मोड़ पर कि
फिर तेरे आने का कुछ आभास होगा
क्या पता कि कितनी अब सांसे बची हैं
कब जिंदगी का मौत से परिहास होगा?
मैं किसी से क्यूं कहूं कि साथ चल
मेरे साथ में उसे दर्द का अहसास होगा ?

ऋषि राज शंकर 'मुफलिस'
२८जून २०१४ रात ११.३०

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