दिल की अभिव्यक्ति

दिल की अभिव्यक्ति
दिल की अभिव्यक्ति

Thursday, July 17, 2014

यमराज परेशां होकर इक दिन
चित्रगुप्त से बोले
पाप पुण्य आधार मान के
कितने खाते खोले
स्वर्ग नर्क में आज तलक की
संख्या सही बताओ
नर्क में बढ़ती आबादी का
कारण कुछ बतलाओ
चित्रगुप्त ने जल्दी से फिर
लैपटाप को खोला
कुछ गणना करने के बाद
हतप्रभ होकर बोला
भगवन स्वर्ग लोक में सारी
सीट पड़ी हैं खाली
नर्क ठसाठस भरा पड़ा है
लीला अजब़ निराली
मानव कितना बौराया है
स्वर्ग न इसको भाये
दो नंबर के धंधे करके
जीवन स्वर्ग बनाये
मानव की है यही धारणा
जीवन स्वर्ग बनाओ
सातों पीढ़ी ऐश करें
फिर भले नर्क में जाओ
चित्रगुप्त ने ये कारण
यमराज को जब बतलाया
चक्कर खा गए काल देवता
कुछ भी समझ न आया
नर्क लोक आने वालों की
लम्बी हुई कतार
काल देवता नर्वस हो गए
बेबस और लाचार,
बेबस और लाचार,
नर्क कैसे बढ़वायें
नर्क में आने वालों की
ये भीड़ कहां ले जायें
काल देवता की बुद्धि में
जब कुछ समझ न आया
स्वर्ग लोक के दरवाजे पे
नर्क लोक लिखवाया

   ऋषि राज शंकर 'मुफलिस'
    १६जुलाई २०१४, रातः१०.५०बजे

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