सारे कुत्तों ने मिलकर
एक आम सभा बुलवाई
आमसभा में सर्वसम्मत से
बात निकल ये आई
कैसे जीवन हो सुखमय,संसार हमारा
हो मानव से बेहतर जीवन
यही हमारा नारा
अलग अलग सारे कुत्तों ने
अपनी राय बताई
पर इक बूढ़े से कुत्ते की
बात समझ में आई
बूढ़े कुत्ते ने सबको
जब ये समझाया
हम मानव से बेहतर हैं
ये राज़ बताया
कि जब जब वफ़ा की
चर्चा होती,कुत्ते बने मिसाल
कुत्तों से मानव घटिया है
कुत्ते नमक़ हलाल,
कुत्ते नमक़ हलाल
नमक़ का फर्ज़ निभाते
इंसानो के जैसे ये
गद्दारी न कर पाते
मानव आज स्वंय कर रहा
कुत्तों सा व्यवहार
कुत्तों जैसी मौत मर रहा
कितना है लाचार,
कितना है लाचार
समय ये कैसा आया
कुत्तों ने मानव से अछ्छा
खुद अपने को पाया
ऋषि राज शंकर 'मुफलिस'
१६ जुलाई २०१४, प्रातः१०बजे
एक आम सभा बुलवाई
आमसभा में सर्वसम्मत से
बात निकल ये आई
कैसे जीवन हो सुखमय,संसार हमारा
हो मानव से बेहतर जीवन
यही हमारा नारा
अलग अलग सारे कुत्तों ने
अपनी राय बताई
पर इक बूढ़े से कुत्ते की
बात समझ में आई
बूढ़े कुत्ते ने सबको
जब ये समझाया
हम मानव से बेहतर हैं
ये राज़ बताया
कि जब जब वफ़ा की
चर्चा होती,कुत्ते बने मिसाल
कुत्तों से मानव घटिया है
कुत्ते नमक़ हलाल,
कुत्ते नमक़ हलाल
नमक़ का फर्ज़ निभाते
इंसानो के जैसे ये
गद्दारी न कर पाते
मानव आज स्वंय कर रहा
कुत्तों सा व्यवहार
कुत्तों जैसी मौत मर रहा
कितना है लाचार,
कितना है लाचार
समय ये कैसा आया
कुत्तों ने मानव से अछ्छा
खुद अपने को पाया
ऋषि राज शंकर 'मुफलिस'
१६ जुलाई २०१४, प्रातः१०बजे
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