दिल मेरा आज फिर इक डर से क्यूं घबराया है
क्या फिर से नया जख्म मिलने वाला है ?
यूं तो हर लम्हा ही तन्हाई का अहसास है
क्या फिर से कोई साथ चलने वाला है ?
हर नया रिश्ता मुझे जख्म देके जाता है
बड़ा अजीब, ये रिश्ते बनाने वाला है
मुक्कदर हर किसी का हाथ में अपने दबाये
वो जादूगर है, ये दुनिया चलाने वाला है
ऋषि राज शंकर 'मुफलिस'
२८जून २०१४ रात ११.५०
क्या फिर से नया जख्म मिलने वाला है ?
यूं तो हर लम्हा ही तन्हाई का अहसास है
क्या फिर से कोई साथ चलने वाला है ?
हर नया रिश्ता मुझे जख्म देके जाता है
बड़ा अजीब, ये रिश्ते बनाने वाला है
मुक्कदर हर किसी का हाथ में अपने दबाये
वो जादूगर है, ये दुनिया चलाने वाला है
ऋषि राज शंकर 'मुफलिस'
२८जून २०१४ रात ११.५०
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