दिल की अभिव्यक्ति

दिल की अभिव्यक्ति
दिल की अभिव्यक्ति

Tuesday, July 15, 2014

मेरी तन्हाईयों को ग़र तुम्हारा साथ मिल जाये
मेरी ग़जलें सजे सुर में तेरी आवाज़ मिल जाये
करेंगे पार हर सीमा, दीवानेपन की हम दोनो
चलो मिलके मोहब्बत का.नया इतिहास लिख जायें
मैं जिंदा लाश हूं,मुझको धड़कती सांस तुम दे दो
मेरी रुह को मोहब्बत का नया अहसास तुम दे दो
मेरी किस्मत संवर जाये जो मेरे साथ चल दो तुम
मेरा पतझड़ सा जीवन है,इसे मधुमास तुम दे दो
हमारी इस मोहब्बत का बता, आगाज़ कब होगा
हसीं लम्हों के आने का सुखद अहसास कब होगा
तुम इतना दूर क्यों खामोश औ गुमसुम से बैठे हो
मिटेगी कब तलक़ दूरी,दिलों का साथ कब होगा
मोहब्बत की पनाहों में , नई तारीख़ लिख जायें
हम अपने प्यार की खुशबू से हर लम्हे को महकायें
वफ़ा की राह में इक मील का पत्थर मुकम्मल हो
मोहब्बत की मिसालों में हम अपना नाम लिखवायें

ऋषि राज शंकर 'मुफलिस
१०जुलाई २०१४, प्रातः ९बजे

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