दिल की अभिव्यक्ति

दिल की अभिव्यक्ति
दिल की अभिव्यक्ति

Tuesday, July 15, 2014

तीन अक्षर का शब्द जुदाई,
कितनी पीड़ा दे जाता है
आंख अश्क से भर जाती है
गला रुंध कर भर आता है
फिर तन्हाई जन्म लेती है
रातों में सिसकारी भर के
आंखों से आंसू का दरिया
पानी बनकर बह जाता है 
खामोशी की चादर ओढे
हर रात अमावस लगती है
जब पूनम का चांद बहक के
बादल में छिप जाता है

ऋषि राज शंकर 'मुफलिस'
२६ जून २०१४ रात ११.४५

No comments:

Post a Comment