दिल की अभिव्यक्ति

दिल की अभिव्यक्ति
दिल की अभिव्यक्ति

Tuesday, July 15, 2014

यूं बिकने को तो इस दुनिया में 
हर सामान बिकता है 
कहीं ज़ज्बात बिकते हैं
कहीं ईमान बिकता है 
धरम बिकता सरे बाजार
नारी भी यहां बिकती
लगाओ तुम भी कुछ बोली
बताओ क्या खरीदोगे
यहां हर शय बिकाऊ है 
अस्मत भी यहां बिकती
जो तुम चाहो तो इस बाजार से
ईमान ले जाओ
गिरा के थोडा सा खुद को
अगर बेईमान हो जाओ
मिलेगा हर तरह का माल
इस दुनिया के मेले में
चुका के दाम अंटी से
जो चाहो आज ले जाओ

ऋषि राज शंकर 'मुफलिस'
५जुलाई २०१४, रातः१०बजे

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