दिल की अभिव्यक्ति

दिल की अभिव्यक्ति
दिल की अभिव्यक्ति

Tuesday, July 15, 2014

किससे दिल की बात कहूँ, उलझन और ज़ज़्बात कहूँ, ,
उजड़ा- उजड़ा हर मन्ज़र है, हर ज़र्रा खामोशी है, 
तन्हा-तन्हा इन रातों की कैसी है बारात कहूँ, 
रात अमावस जैसी काली, और सुबह का पता नहीं 
उखड़ रही सांसों से कैसे, ये बोझिल लम्हात कहूँ !!!!!

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