दिल की अभिव्यक्ति

दिल की अभिव्यक्ति
दिल की अभिव्यक्ति

Tuesday, July 15, 2014

हालात पे न मेरे,मुस्कराओ तुम अभी
ये तकाजा वक्त का,कुछ और नही है
रुठी हुई है आजकल तक़दीर हमारी
भगवान के घर देर है,अंधेर नही है
हारी हुई बाजी को पलटने का जिगर है
हिम्मत हमारी आज भी कमजोर नही है 
ये दौर मुश्किलों का है,कट जायेगा फिर भी
रहमत से उसकी कोई भी महरूम नही है
मंजिल का मुझे ख्वाब में परचम दिखाई दे
मेरे ख्वाब की ताबीर मुझसे दूर नही है

ऋषि राज शंकर 'मुफलिस'
४ जुलाई २०१४, रातः११बजे

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