दिल की अभिव्यक्ति

दिल की अभिव्यक्ति
दिल की अभिव्यक्ति

Tuesday, July 22, 2014

भगवन बोले चल नारद
अब धरा घूम के आते है
बहुत तरक्की हुई धरा पे
अवलोकन कर आते है
नारद और विष्णु जी ने
तब ब्राह्मण रुप बनाये
एक मिनट में स्वर्गलोक से
वो यू पी में आये
यूपी का वो हाल देख के
लज्जित हो गए भाई
रामराज्य सोचा दोनों ने
उल्टी गंगा पाई
नारी के फटते वस्त्र यहां
रोज़ अस्मत होती तार तार
पिता पुत्र ने मिलके कैसा
कर दिया बंटाधार
कर दिया बंटाधार
समय कैसा ले आये
जाने कितने दुशासन
ये रोक न पाये
हर चौराहे औ नुक्कड़ पे
गुंडा गर्दी पाया
इतना कुछ देखा भगवन ने
उनका सिर चकराया
तब एक पुलिसवाले ने
उनको अपनेपास बुलाया
दुखी ब्राहमण जानके उसने
जी भरकर धमकाया
बोला तुमपे चार्ज लगाके
अंदर कर दूंगा
जेल अगर नहीं जाना तो
रुपया थोड़ा लूंगा
अजब़ मुसीबत आन पड़ी तो
विष्णु जी घबराये
बोले नारद भागो जल्दी
क्यों यूपी ले आये
आगे जब भी हम घूमेंगे
और कहीं ले जाना
भूले से भी इस प्रदेश में
वापस मत ले आना

     ऋषि राज शंकर 'मुफलिस'
       २२जुलाई २०१४, प्रातः११ बजे

No comments:

Post a Comment