दिल की अभिव्यक्ति

दिल की अभिव्यक्ति
दिल की अभिव्यक्ति

Saturday, April 18, 2020

तुमसे दूरी का सोचूं,तो
प्राण उखड़ने लगता है
दिल में पीड़ा का हल्का
सा दर्द उमड़ने लगता है
इक्कीस बरस गुज़ारे तुमने,
आंखों का तारा बनके
शीघ्र घड़ी वो आयेगी जब
जाओगी डोली सजके
सोच सोच कर विदा घड़ी
मन उचटा उचटा लगता है
    दिल में पीड़ा का हल्का....
कभी बेटी बनके लाड़ किया
कभी मां बन डांट लगाई है
हर लम्हा जीवंत जिया
मेरी दुनिया सुखी बनाई है
जब भी तन्हा मैं बैठूं
सब सपना सपना लगता है
    दिल में पीड़ा का हल्का....
ऋषि राज शंकर 'मुफ़लिस'
     सांयः 9बजे 3/12/2019

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