दिल की अभिव्यक्ति

दिल की अभिव्यक्ति
दिल की अभिव्यक्ति

Saturday, April 18, 2020

तेरे आगोश में सर रख़
के रोना चाहता हूँ
बहुत कुछ खो चुका हूँ
अब न खोना चाहता हूँ
बचा है वक्त कितना है
ना ये मालूम मुझको
जितना बाकी बचा है
खुलके जीना चाहता हूँ
दुआ मेरी यही है तुम
हमेशा मुस्कुराओ
तुम्हें यूं देख कर मैं
मुस्कुराना चाहता हूँ
मिसाल जिंदगी बन
जाये मेरी आशिकी में
तुम्हें होठों पे लाके
गुनगुनाना चाहता हूँ
जो'मुफलिस' मौत भीआये
अगर राहे मुहब्बत में
कसम से मौत भी मैं
शायराना चाहता हूँ

ऋषि राज शंकर 'मुफ़लिस'
   सांय:5:30 बजे 22/08/2018

जब भीअकेला खु़द को
मैं महसूस करता हूँ
तुम्हारी यादों को दिल में
मैं संजो के रखता हूँ
अहसास न किसी को हो
सीने में छिपे दर्द का
सभी का एहतराम
मुस्कुरा के करता हूँ
तेरी यादें मुझे
पुरवाईयों सी लगती हैं
मीठे मीठे दर्द को
कुछ और बढा़ देती हैं
ऐसी लज़्जत को मैं
बेहद संभाल रखता हूँ

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