दिल की अभिव्यक्ति

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Saturday, April 18, 2020

धनवंतरि पर थूके अफ़जल
 तुमको समय रहा ललकार
 उठो राम गांडीव संभालो
 तुमको नर्सें रहीं पुकार

 दुश्मन मुंह पर थूक रहा है
 जिह्हा खींच लो तुम इनकी
 ये पौरुष को ललकारें हैं
 नस्ल मिटा दो तुम इनकी

 घर घर से अफ़जल निकले हैं
 मानवता को कुचल रहे
 मौत बांटने निकले हैं ये
 जिंदा अफ़जल मचल रहे

 इन दानव का अंत करो
 तब आग बुझेगी सीने में
 जब तक ये अफ़जल जीवित हैं
 मज़ा नहीं है जीने में

 भारत मां का दूध पुकारे
 अब इनका संहार करो
 लाज रखो भारत माता की
 फिर जाकर विश्राम करो
    ऋषि राज शंकर 'मुफ़लिस'
     प्रातः 7बजे 04/04/2020

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