माला में मोती दिख रहे
धागा नहीं दिखता
धागे के बिना कोई भी
माला नहीं बनता
देख कर मोती को
सब इतरा रहे हैं
त्याग धागे का सभी
बिसरा रहे हैं
लेकिन धागा जब
कभी टूटा अगर
गुरुर मोतियों का
बिखर जायेगा
सत्य के दर्शन
तभी हो जायेंगे
वजूद धागे का
नज़र आ जायेगा
ऋषि राज शंकर 'मुफ़लिस'
सांय:7:30 बजे 28/04/2018
कल रात में,ख्वाबों में
वो फिर से आ गये
माने नहीं,जख्मी जिग़र
फिर से दुखा गये
रिसते हुऐ जख्मों को
फिर हौले से कुरेदा
कुछ दर्द जब मुझको
हुआ तो मुस्कुरा गये
ऋषि राज शंकर 'मुफ़लिस'
सांय:7:30 बजे 30/04/2018
धागा नहीं दिखता
धागे के बिना कोई भी
माला नहीं बनता
देख कर मोती को
सब इतरा रहे हैं
त्याग धागे का सभी
बिसरा रहे हैं
लेकिन धागा जब
कभी टूटा अगर
गुरुर मोतियों का
बिखर जायेगा
सत्य के दर्शन
तभी हो जायेंगे
वजूद धागे का
नज़र आ जायेगा
ऋषि राज शंकर 'मुफ़लिस'
सांय:7:30 बजे 28/04/2018
कल रात में,ख्वाबों में
वो फिर से आ गये
माने नहीं,जख्मी जिग़र
फिर से दुखा गये
रिसते हुऐ जख्मों को
फिर हौले से कुरेदा
कुछ दर्द जब मुझको
हुआ तो मुस्कुरा गये
ऋषि राज शंकर 'मुफ़लिस'
सांय:7:30 बजे 30/04/2018
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