गैरमुकम्मल सी है तू जिंदगी...और वक्त की है बेतहाशा रफ्तार,रात इकाई,नींद दहाई,ख्वाब सैंकडा,और दर्द हजार फिर भी जिँदगी तू है मजेदार
कौन है,
जिसे कमी नहीं है.
आसमां के पास भी,
ज़मीं नहीं है..✍🏻
ज़िंदगी की कड़वी हकीकत
"कद्र और कब्र"
कभी जीते जी नहीं मिलती!!
जिस रोज़ से खुदगर्जियों से हम प्यार करेंगे
उस रोज़ से लोग हमको बद् दिमाग कहेंगे
इंसान का चेहरा भी कुछ कुछ प्याज़ जैसा हो गया,छीलियेगा जितना इन्हें ,उतनी परतें उतरती हैं
कौन है,
जिसे कमी नहीं है.
आसमां के पास भी,
ज़मीं नहीं है..✍🏻
ज़िंदगी की कड़वी हकीकत
"कद्र और कब्र"
कभी जीते जी नहीं मिलती!!
जिस रोज़ से खुदगर्जियों से हम प्यार करेंगे
उस रोज़ से लोग हमको बद् दिमाग कहेंगे
इंसान का चेहरा भी कुछ कुछ प्याज़ जैसा हो गया,छीलियेगा जितना इन्हें ,उतनी परतें उतरती हैं
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