शून्य लेकर आये थे और शून्य में मिल जाओगे
उम्र भर का हासिल है कि शून्य लेकर जाओगे
जूझा किये जो उम्र भर,गठरी लिये इच्छाओं की
क्या पता है किस घडी़ में,खाक में मिल जाओगे
कह रहा हूँ इसलिए कि, दफ़न कर दो हसरतें
रुह को आयेगा सुकूं, अहसास उसका पाओगे
ऋषि राज शंकर 'मुफ़लिस'
प्रातः:6:30 बजे 18/5/2019
उम्र भर का हासिल है कि शून्य लेकर जाओगे
जूझा किये जो उम्र भर,गठरी लिये इच्छाओं की
क्या पता है किस घडी़ में,खाक में मिल जाओगे
कह रहा हूँ इसलिए कि, दफ़न कर दो हसरतें
रुह को आयेगा सुकूं, अहसास उसका पाओगे
ऋषि राज शंकर 'मुफ़लिस'
प्रातः:6:30 बजे 18/5/2019
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