दिल की अभिव्यक्ति

दिल की अभिव्यक्ति
दिल की अभिव्यक्ति

Saturday, April 18, 2020

रहने दो,मत कुरेदो,
मेरे दिल के घाव को
ऐसा न हो कि अश्के
समंदर निकल पड़े

दो बूंद तेरे अश्क जो
मेरे दामन में आ गिरे
ऐसा लगा कि दिल में
जलजला सा आ गया

चुपके से कहीं रो लें तो
दिल को सुकून आये
आखों के आंसू कब
तक छिपाते रहेंगे हम
कुछ तुम कहो,कुछ हम कहें
तब इक गज़ल बने
लफ्जो़ं का साथ कब तक
निभाते रहेंगे हम

मेरे मौला मुझे न ऐसे
आज़माया करो
मेरे हाथों से अपना दामन
न यूँ छुडा़या करो

मोहब्बत किसी शर्तों की
मोहताज नहीं होती
बेपनाह,बेइंतहा,बिना शर्त
औ बेआवाज़ होती है 

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