दुनिया कितनी सिमट गई है,
घर की चारदीवारी में
उम्मीदें सिमटी बैठी हैं
बेबस और लाचारी में
सांसें कितनी मंहगी हो गई
कोरोना महामारी में
घर के अंदर रहो सुरक्षित
ये महामंत्र महामारी में
पूरी दुनिया अकड़ रही थी
बड़े बड़े परमाणु पर
किंतु सृष्टि सिमट रही है
छोटे से किटाणु पर
इस छोटे से किटाणु ने
पूरा विश्व हिला डाला
महाशक्ति घुटनों के बल है
ऐसा प्रलय मचा डाला
पंचतत्व से बना सरीरा
हम उनको ही भूल गये
भौतिकता विज्ञान में फंस के
मानवता को भूल गये
तब प्रकृति स्वयं अपनी रक्षा
को देखो अब मजबूर हुई
मिटा प्रदूषण धरती का अब
वायु कितनी शुद्ध हुई
धरा करेगी स्वयं संतुलन
अब ये बात समझ जाओ
मानव बनकर रहो धरा पर
और प्रकृति को दुलराओ
ऋषि राज शंकर 'मुफ़लिस'
प्रातः 7बजे 09/04/2020
घर की चारदीवारी में
उम्मीदें सिमटी बैठी हैं
बेबस और लाचारी में
सांसें कितनी मंहगी हो गई
कोरोना महामारी में
घर के अंदर रहो सुरक्षित
ये महामंत्र महामारी में
पूरी दुनिया अकड़ रही थी
बड़े बड़े परमाणु पर
किंतु सृष्टि सिमट रही है
छोटे से किटाणु पर
इस छोटे से किटाणु ने
पूरा विश्व हिला डाला
महाशक्ति घुटनों के बल है
ऐसा प्रलय मचा डाला
पंचतत्व से बना सरीरा
हम उनको ही भूल गये
भौतिकता विज्ञान में फंस के
मानवता को भूल गये
तब प्रकृति स्वयं अपनी रक्षा
को देखो अब मजबूर हुई
मिटा प्रदूषण धरती का अब
वायु कितनी शुद्ध हुई
धरा करेगी स्वयं संतुलन
अब ये बात समझ जाओ
मानव बनकर रहो धरा पर
और प्रकृति को दुलराओ
ऋषि राज शंकर 'मुफ़लिस'
प्रातः 7बजे 09/04/2020
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