दिल की अभिव्यक्ति

दिल की अभिव्यक्ति
दिल की अभिव्यक्ति

Sunday, April 26, 2020

दुनिया कितनी सिमट गई है,
घर की चारदीवारी में
उम्मीदें सिमटी बैठी हैं
बेबस और लाचारी में
        सांसें कितनी मंहगी हो गई
        कोरोना महामारी में
        घर के अंदर रहो सुरक्षित
        ये महामंत्र महामारी में
पूरी दुनिया अकड़ रही थी
बड़े बड़े परमाणु पर
किंतु सृष्टि सिमट रही है
छोटे से किटाणु पर
      इस छोटे से किटाणु ने
      पूरा विश्व हिला डाला
      महाशक्ति घुटनों के बल है
      ऐसा प्रलय मचा डाला
पंचतत्व से बना सरीरा
हम उनको ही भूल गये
भौतिकता विज्ञान में फंस के
मानवता को भूल गये
     तब प्रकृति स्वयं अपनी रक्षा
     को देखो अब मजबूर हुई
     मिटा प्रदूषण धरती का अब
     वायु कितनी शुद्ध हुई
धरा करेगी स्वयं संतुलन
अब ये बात समझ जाओ
मानव बनकर रहो धरा पर
और प्रकृति को दुलराओ
  ऋषि राज शंकर 'मुफ़लिस'
     प्रातः 7बजे 09/04/2020

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