दिल की अभिव्यक्ति

दिल की अभिव्यक्ति
दिल की अभिव्यक्ति

Saturday, April 18, 2020

कल जब पत्नी के चश्मे
को पूजा घर में पाया
तब जा करके बहुत दिनों
का राज समझ में आया
एक ही चश्मा पत्नी भगवन
यूज़ कर रहे भाई
इस कारण मेरी हालत
उन्हें देती नहीं दिखाई
बहुत दिनों से मेरे भाग्य में
अन्धकार छाया था
शायद पत्नी का चश्मा मेरे
भगवन को भाया था
न पत्नी मेरी सुनती थी
न भगवन ही सुनते थे
पत्नी जी भी उदासीन थी
भगवन भी आँखें मूंदे थे
मेरे भाग्य का लेखा दोनों
ही न पढ़ पाते थे
देख हमारी दीन दशा
मन ही मन मुस्काते थे
भगवन उसके साथ मिल गए
मेरी एक न सुनते थे
जाने अपने मन में कैसा
ताना बाना बुनते थे
बैठा हूं मैं आस लगाये
कब भगवन उद्घार करे
पत्नी भी बेरुखी छोड़ के
जी भर मुझको प्यार करे
ऋषि राज शंकर "मुफ़लिस"
16/02/2017 रात्रि 10 बजे  

No comments:

Post a Comment